जिंदगी की इस प्रतियोगिता में ये धरती और विशाल आसमान के नीचे बचपन और जवानी संवरता हुआ राही और एक जंग अपनो और सपनो के बीच अपनो ने दिखाए हर रास्ते पर मंजिल की नजर आती परछाईयाँ कुछ कर गुजरने की कोशिश गुजरता वक्त है, खर्च हम होते है... इन कडी परिस्थितीयों में, कोई साथ ढुंडता और कोई सहारा मुश्किल है पर नामुंकिन नही आखिर मेरे दिल की पहली पुकार... कब तक ये राही अकेला चलेगा मासूम दिल को मेरे उसका जवाब मिलता और ये दुरियाँ करीब आती पल रोक देती, और यादों मे घोल देती मेरे नन्हे दिल को सहलाती, समझाती धुप , बारिश मे मेरा छाता पकडती उम्मीदों की तरंगे उछल के ख्वाबों मे ले जाती क्या यही प्यार है ??? वो बस प्यार की तलाश करेगा ना वो धर्म, जात, रंग, संस्कृती देखेगा क्योंकी प्यार का कोई धर्म नही होता वो अपने आप मे एक धर्म है क्या वो खोज पाप है ??? राह मे उसके बहुत बार टकराएगा गिर कर उठना उसकी आदत बन जाएगी सारी दुनिया को मात देगा बस अपना प्यार पाने के लिये क्योंकी हर धडकन किसी के नाम होती होगी खून से उसे नहलाएगा, सब कुछ हार जाएगा ...